नागपंचमी कल:नागचंद्रेश्वर के ऑनलाइन लाइव दर्शन होंगे, आज रात 12 बजे से खुलेंगे पट

नागपंचमी पर (13 अगस्त को) महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट गुरुवार रात 12 बजे खुल जाएंगे। लेकिन श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा। श्रद्धालु ऑनलाइन लाइव प्रसारण से दर्शन कर सकेंगे। कोरोना संक्रमण के चलते लगातार दूसरे साल श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। इधर महाकालेश्वर के दर्शन के लिए ऑनलाइन प्री-परमिशन से तड़के 5 से रात 9 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा। महाकालेश्वर के दर्शनार्थी ओंकारेश्वर परिसर में एलईडी पर नागचंद्रेश्वर के भी दर्शन कर सकेंगे।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी व प्रबंध समिति की सहमति से यह निर्णय लिया है। नागपंचमी के दिन शासकीय पूजन यथावत होगा। समिति ने दर्शनार्थियों से आग्रह किया है कि वे ऑनलाइन प्री-परमिशन लेकर आएं। वैक्सीनेशन या निगेटिव रिपोर्ट लाएं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

नागचंद्रेश्वर की होगी त्रिकाल पूजा

नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। गुरुवार रात 12 बजे पट खुलने के बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी व कलेक्टर आशीष सिंह प्रथम पूजन व अभिषेक करेंगे। शुक्रवार 13 अगस्त दोपहर 12 बजे अखाड़े द्वारा पूजन होगा। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति 13 अगस्त को श्री महाकालेश्वर भगवान की सांध्य आरती के बाद श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की पूजन आरती महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी-पुरोहित करेंगे। पूजन के बाद मंदिर के पट रात 12 बजे बंद होंगे। 12 अगस्त की रात 12 से 13 अगस्त की रात 12 बजे तक नागचंद्रेश्वर के पट खुले रहेंगे।

सीधा प्रसारण किया जाएगा- प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कोरोना संक्रमण गाइड लाइन के अनुसार मंदिर प्रबंध समिति ने समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in व सभी निजी टीवी चैनलों, सोशल मीडिया पेज पर भगवान नागचंद्रेश्वर व महाकालेश्वर के दर्शन का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा। श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर के दर्शन घर से कर सकेंगे।

साल में एक बार होते हैं दर्शन महाकाल मंदिर के शीर्ष पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार आम श्रद्धालुओं के लिए नागपंचमी पर 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ऊपर ओंकारेश्वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर नागचंद्रेश्वर का मंदिर है। मंदिर समिति के अनुसार मंदिर में 11वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा स्थापित है।

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